anamikanoop
Sunday 24 May 2020
उम्मीद
उम्मीद
: उम्मीद दिन भर का थका हारा सुखिया जैसे ही अपनी झोपड़ी में घुस ही रहा था कि पीछे से आवाज़ आयी “सुखिया, अभी हवेली चल,मुखिया जी के बेटे का जन्मदिन है शहर से बड़े बड़े लोग आ रहे है, बहुत काम है, बाबू …
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment